Tourism

झाबुआ दर्शन यात्रा: एक अलग ही अनुभूति

कल दिनांक ४ मई को हम झाबुआ नेचुरलस की टीम(नितिन, हर्ष एवं सत्यजीत) के साथ झाबुआ भ्रमण के लिए गए,उसका कुछ शब्दों में अनुभव बताना कठिन है।एक अलग ही अनुभूति हुई।शिवगंगा के तत्वाधान मे झाबुआ में हुऐ विकास कार्य को जाना एवम् समझा। जैविक खेती के लिए किसानो को प्रेरित करना, उनके लिए संसाधन उपलब्ध करवाना एवम् उनके उत्पादन की उचित दर पे मार्केटिंग करना,इसके लिए शिवगंगा की टीम ने सराहनीय कार्य किया है।आज के समय में जैविक खेती को बढ़ावा देना आवश्यक है।केमिकल युक्त भोजन करने से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ती जा रही है। हममें से बहुत लोग झाबुआ नेचुरल से सब्जी एवम् फल लेकर, उस ओर कदम बढ़ा चुके हैं। झाबुआ में पानी की बहुत कमी है और ऐसे में खेती करना बड़ी चुनौती है ऐसे में शिवगंगा ने वहां की हलमा प्रथा को जीवित किया,इसके तहत अास पास के सब किसान मिलकर गांव में तालाब का निर्माण कर रहे हैं- शायद ये वहां जाकार ही समझा जा सकता है। हमारी ये ट्रिप बहुत ही प्रेरणादायक एवम् उतनी ही मनोरंजक भी रही। झाबुआ में टूरिज्म की भी उतनी ही संभावनाएं हैं जिसे शिवगंगा के युवा तलाश रहे हैं और उस ओर भी काफी कार्य कर रहे हैं।वहां बच्चों को भी प्रशिक्षत करके उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है,उसमे बैंबू क्राफ्ट प्रमुख है। हम सुबह ७ बजे एक मिनी बस से इंदौर से झाबुआ के लिए रवाना हुए एवम रात १२.३० वापिस इंदौर पहुंचे।हमें लगा कि समय कम पड़ गया है। रास्ते में सब लाइक माइंडेड लोग थे सो बहुत ही मज़ा आया। कुटुम्बले सर एवम् नितिन ने झाबुआ के बारे मे, वहां की समस्याओं के बारे में काफी कुछ बताया कि किस तरह वहां पांच आयामों पर काम हो रहा है _जल, ज़मीन, जंगल, जानवर एवम् जन। इसके साथ ही कुटुम्बले सर,नितिन एवम् हर्ष ने अपनी कविताओं से समा बांधा।हम सबने गाने गाए,मस्ती की।सभी आपस में मित्र हो गए थे तो लगा ही नहीं कि हम अपरिचित हैं। वहां किसान भाइयों से चर्चा बहुत अच्छी रही।उनकी आवभगत देखते ही बनती है। उन्होने दोपहर के भोजन में स्वादिष्ट पानिया (मक्का की बाटी)दाल बाफ्ले एवम् लहसून की चटनी बहुत ही प्रेम से खिलाए। मैं मन से चाहती हूं कि भविष्य में ऐसी यात्राएं करूं, जिसमें घूमना भी हो, प्रेरणा भी हो और जिसमे मैं नए मित्र बना सकूं। और साथ में यह कहना चाहूंगी कि दिल ख़ुशी से भर उठता है जब पढ़े लिखे युवाओं को अपनी हाई प्रोफ़ाइल जोब छोड़कर निस्वार्थ भाव से सेवा करते देखती हूं। अंत में शिवगंगा के सभी कार्यकर्ताओं, नीतिन, हर्ष एवम् सत्यजीत के लिए… थ्री चीयर्स। _कुमुद बियानी, विजयनगर, इंदौर

Leave a Reply

twenty − 15 =